उत्तराखंड: भारत नेट परियोजना के माध्यम से 6422 गांवों को ऑप्टिकल फाइबर-आधारित कनेक्टिविटी से जोड़कर डिजिटल बनाने के लिए तैयार है। इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में किफायती कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट सेवाएं प्रदान करना है।
भारत नेट परियोजना के तहत, उत्तराखंड के गांवों को डिजिटल पहुंच बढ़ाने के लिए ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी प्राप्त होगी। भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल), भारत नेट उद्यमी (बीएनयू) के सहयोग से, ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट की उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए इस पहल का नेतृत्व करेगा।
भारत नेट परियोजना की मुख्य विशेषताएं
1. ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी
गांवों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ा जाएगा, जिससे हाई-स्पीड इंटरनेट और गुणवत्तापूर्ण मोबाइल नेटवर्क सेवाएं उपलब्ध होंगी।
2. सहयोग और प्रबंधन
बीएसएनएल, बीएनयू के साथ साझेदारी में, परियोजना का प्रबंधन करेगा। उत्तराखंड में बीएसएनएल के नवनियुक्त मुख्य महाप्रबंधक पीडी चिरानिया ने दर्शनलाल चौक स्थित बीएसएनएल कार्यालय में एक बैठक के दौरान एकल परियोजना प्रबंधन एजेंसी के रूप में बीएसएनएल की भूमिका पर जोर दिया।
3. उद्यमशीलता के अवसर
यह परियोजना स्थानीय निवासियों को उद्यमी बनने का एक अनूठा अवसर प्रदान करती है। वित्तीय सहायता यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशन फंड (यूएसओ) द्वारा प्रदान की जाएगी। उद्यमियों को योजना से उत्पन्न राजस्व का 50% प्राप्त होगा, जिससे स्थानीय आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
4. सरकारी सहायता
भारत सरकार इसे एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम मानती है, जिसका उद्देश्य उत्तराखंड के गांवों के डिजिटलीकरण में तेजी लाना है।
5. 4जी टावरों की स्थापना
राज्य सरकार के सहयोग से, बीएसएनएल उत्तराखंड के 626 क्षेत्रों में 4जी टावर स्थापित करेगा जहां वर्तमान में नेटवर्क कवरेज की कमी है। इस विस्तार से वंचित क्षेत्रों में कनेक्टिविटी और इंटरनेट पहुंच में और सुधार होगा।
ग्रामीण क्षेत्रों पर प्रभाव
भारत नेट परियोजना उत्तराखंड के लिए एक परिवर्तनकारी पहल है, जो यह सुनिश्चित करती है कि सबसे दूरदराज के गांवों में भी हाई-स्पीड इंटरनेट की पहुंच हो। यह डिजिटल समावेशन बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और उद्यमशीलता के अवसरों सहित विभिन्न सामाजिक-आर्थिक लाभों की सुविधा प्रदान करेगा। ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी का एकीकरण न केवल डिजिटल विभाजन को पाटेगा बल्कि सूचना और डिजिटल संसाधनों तक उनकी पहुंच बढ़ाकर ग्रामीण समुदायों को सशक्त भी बनाएगा।