उत्तराखंड के तीन जिलों चमोली, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ में अगले 24 घंटों के लिए हिमस्खलन की चेतावनी जारी की गई है। रक्षा भू सूचना विज्ञान अनुसंधान प्रतिष्ठान, चंडीगढ़ की ओर से जारी इस अलर्ट में कहा गया है कि 2950 मीटर या उससे अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हिमस्खलन हो सकता है।
मौसम विभाग का पूर्वानुमान
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, 8 मार्च तक प्रदेशभर में मौसम शुष्क रहने की संभावना थी, लेकिन इन तीन जिलों के ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी और हिमस्खलन का खतरा बना हुआ है। प्रशासन ने स्थानीय लोगों और पर्यटकों को सतर्क रहने और अनावश्यक रूप से जोखिम न लेने की सलाह दी है।
माणा में हालिया हिमस्खलन: 8 मजदूरों की मौत
हाल ही में चीन सीमा से सटे माणा क्षेत्र में हिमस्खलन हुआ था, जिसमें 55 मजदूर फंस गए थे। इस घटना में 46 मजदूरों को सुरक्षित निकाला गया, लेकिन 8 लोगों की जान चली गई। मजदूरों को निकालने के लिए तीन दिन तक राहत और बचाव अभियान चलाया गया था।
इस घटना के चलते माणा-माणा पास हाईवे का चौड़ीकरण कार्य भी प्रभावित हुआ है। यह परियोजना 2027 के अक्टूबर तक पूरी होनी थी, लेकिन हिमस्खलन के कारण कार्य की गति धीमी पड़ने की आशंका है।
माणा हाईवे पर मजदूरों के लिए नई व्यवस्था
बीआरओ (सीमा सड़क संगठन) ने माणा हाईवे के प्रभावित क्षेत्रों में नए कंटेनर स्थापित करने के लिए सुरक्षित स्थानों की तलाश शुरू कर दी है।
वर्तमान में इस क्षेत्र में 2 से 3 फीट तक बर्फ जमी हुई है, और इसके पिघलने के बाद ही नए कंटेनर लगाए जाएंगे।
बीआरओ ने इस हाईवे के चौड़ीकरण का ठेका प्राइवेट फर्म को दिया है, जिसके तहत सैकड़ों मजदूर यहां कार्यरत हैं।
क्या हो सकता है खतरा?
ऊंचाई वाले इलाकों में हिमस्खलन का खतरा – पर्यटकों और स्थानीय निवासियों को अनावश्यक यात्रा से बचना चाहिए।
राजमार्गों पर बर्फबारी का असर – कुछ मार्ग बाधित हो सकते हैं, जिससे यातायात प्रभावित होगा।
मौसम पर निर्भर निर्माण कार्य – यदि बर्फबारी ज्यादा होती है, तो चौड़ीकरण और मरम्मत कार्य में देरी हो सकती है।
प्रशासन की अपील
उत्तराखंड प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने और बर्फीले इलाकों में अनावश्यक न जाने की सलाह दी है। अगर आप इन क्षेत्रों में यात्रा कर रहे हैं, तो स्थानीय अधिकारियों से ताजा जानकारी लेकर ही आगे बढ़ें।