उत्तराखंड सरकार ने राज्य की बेटियों को उच्च शिक्षा में भागीदारी बढ़ाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। नंदा गौरा योजना के तहत अब हर साल बेटियों को उच्च शिक्षा के लिए धनराशि दी जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को इस योजना में बदलाव करने और इसे सुकन्या समृद्धि योजना से जोड़ने के निर्देश दिए हैं।
नंदा गौरा योजना में क्या होगा बदलाव?
वर्तमान में, नंदा गौरा योजना के तहत बेटियों के जन्म पर ₹11,000 और 12वीं कक्षा पास करने पर ₹51,000 की राशि दी जाती है। लेकिन अब सरकार का उद्देश्य है कि बेटियों के खाते में हर साल कुछ धनराशि जमा की जाए, जो ₹10,000 या उससे अधिक हो सकती है। यह धनराशि बेटियों को उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित करेगी और उनके शिक्षा से जुड़े खर्चों को वहन करने में मदद करेगी।
उच्च शिक्षा में बढ़ेगा योगदान
इस पहल से राज्य की बेटियों की उच्च शिक्षा में भागीदारी बढ़ेगी। सरकार का उद्देश्य बेटियों को आर्थिक सहयोग प्रदान करना है ताकि वे बिना किसी वित्तीय बाधा के उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें। मुख्यमंत्री ने इस बदलाव के प्रस्ताव को शीघ्र तैयार करने के निर्देश दिए हैं, और इस दौरान यह भी देखा जा रहा है कि कोर्स के आधार पर अलग-अलग धनराशि प्रदान की जाए या एक समान राशि सभी को मिले।
कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास
मुख्यमंत्री धामी ने हर जिले में कामकाजी महिला छात्रावास बनाने का भी ऐलान किया है, जिसे पीपीपी मोड में संचालित किया जाएगा। इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में भूमि चयन और संचालन की योजना तैयार की जा रही है।
नंदा गौरा योजना का उद्देश्य
नंदा गौरा योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश की लड़कियों के जीवन स्तर में सुधार लाना है। यह योजना खासतौर से गरीब परिवारों की बेटियों को बेहतर शिक्षा और जीवन जीने का अवसर देने के लिए शुरू की गई है। योजना के तहत, राज्य की बेटियों को सशक्त बनाना और उन्हें समाज में बराबरी का दर्जा दिलाना सरकार का मुख्य लक्ष्य है।