472 करोड़ रुपये की लागत से इन भवनों के निर्माण का अनावरण एक कार्यक्रम के दौरान किया गया, जहां धामी ने 167 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को पर्यवेक्षक पदों के लिए नियुक्ति पत्र वितरित किए। उन्होंने नंदा गौरा योजना और मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट योजना के ऑनलाइन पोर्टल का भी उद्घाटन किया।
समाज में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर
मुख्यमंत्री ने महिलाओं और बच्चों के कल्याण को बढ़ावा देने के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, समाज में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। सरकार आंगनवाड़ी केंद्रों की स्थिति को मजबूत करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सशक्त बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। इन प्रयासों में आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और उनकी सहायिकाओं का उनकी मांगों के अनुसार मानदेय बढ़ाना शामिल है। सरकार महिला अधिकारिता एवं बाल विकास विभाग (डब्ल्यूईसीडी) के माध्यम से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के बैंक खातों में सीधे जमा किए जाने वाले मानदेय का समय पर भुगतान सुनिश्चित करती है।
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को भत्ते के रूप में प्रति माह लगभग 24 करोड़ रुपये का वितरण
इसके अतिरिक्त, सरकार आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को भत्ते के रूप में प्रति माह लगभग 24 करोड़ रुपये वितरित करती है और प्रधान मंत्री मातृ वंदना योजना के तहत 23,895 महिलाओं को 9.35 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इसके अलावा, नंदा गौरा योजना और मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट योजना पोर्टल के लॉन्च का उद्देश्य इन योजनाओं की प्रगति की निगरानी करना है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पात्र लाभार्थियों को उनके हकदार लाभ प्राप्त हों।
मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट योजना
मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट योजना के तहत सालाना लगभग 50,000 स्तनपान कराने वाली महिलाओं और नवजात शिशुओं को लाभ मिलता है। यह योजना नई माताओं को उनकी पहली दो बेटियों के जन्म पर 3,500 रुपये की किट प्रदान करती है, जिसमें सूखे फल, कपड़े, साबुन और बिस्तर की चादरें जैसी आवश्यक वस्तुएं शामिल होती हैं। सरकार इन लाभों को पहले बेटे के जन्म पर भी बढ़ाने पर विचार कर रही है।
नंदा गौरा योजना
इसके अलावा, नंदा गौरा योजना पात्र माता-पिता को वित्तीय सहायता प्रदान करती है, जिसमें लड़की के जन्म पर 11,000 रुपये और बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण करने पर अतिरिक्त 51,000 रुपये प्रदान किए जाते हैं। नए लॉन्च किए गए पोर्टल यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे कि प्रत्येक योग्य लाभार्थी को इन योजनाओं में उल्लिखित लाभ मिले।
महिला अधिकारिता एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने राज्य में महिलाओं और बच्चों के विकास और आत्मनिर्भरता के लिए और अधिक योजनाएं शुरू करने की सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला, साथ ही नागरिकों के कल्याण के प्रति उनके समर्पण पर भी जोर दिया।