देवभूमि कहे जाने वाले राज्य उत्तराखण्ड के हल्द्वानी में भयानक हिंसा और आगजनी हुई है। जिससे वहां के लोगों का जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। बता दें कि ये हिंसा अवैध रूप से बने मदरसे और मस्जिद पर नगर निगम द्वारा की गयी कार्रवाई के बाद फैला है। जिसके विरोध में उतरी भीड़ ने जमकर पथराव किया। इस हिंसा को संज्ञान में लेते हुए सीएम धामी ने कहा कि किसी भी उपद्रवी को बख्शी नहीं जाएगा, सभी उपद्रवी को इसका हर्जाना चुकाना होगा। उन्होंने आगे कहा कि फिलहाल स्थिति हमारे कंट्रोल में है और संबंधित विभाग कैमरे और अन्य माध्यमों से हिंसा करने वालों की पहचान कर रहे हैं और उन्हे पकड़ रहे हैं।
क्या है मामला
Haldwani Violence मामले की बात की जाए तो यह मामला भारत देश की देवभूमि कहे जाने वाले उत्तराखण्ड राज्य के हल्द्वानी का है। जहां अवैध रूप से जमीन पर मदरसे और मस्जिद का निर्माण किया गया था। इसपर कार्रवाई करते हुए जब वहां के नगर निगम ने एक्शन लिया तो उसके विरोध में उतरी भीड़ ने प्रशासन के लोगों पर जमकर पथराव कर दिया। इसी के साथ उन लोगों के सुरक्षा में लगी पुलिस को भी नहीं छोड़ा और उन्हें भी अपना निशाना बनाना शुरू कर दिया। इसी के साथ उपद्रवियों ने कई जगह तोड़फोड़ की और पुलिस चौकियों के साथ रास्ते में खड़ी गाड़ियों को भी आग के हवाले कर दिया।
सैकड़ों पुलिस कर्मियों समेत 300 से ज्यादा आम लोगों के घायल होने की खबर
आपको बता दें कि हल्द्वानी में किए गए इस हिंसा में सैकड़ों पुलिसकर्मियों के साथ-साथ लगभग 300 से ज्यादा आम लोग भी घायल हुए हैं। वहीं आज सुबह तक 6 लोगों के मौत की भी सूचना मिली थी। परंतु, नैनीताल की डीएम वंदना सिंह ने केवल दो लोगों के मारे जाने की आधिकारिक पुष्टि की है। वहीं हल्द्वानी की सुबह निरसता से भरी दिखी जिसमें रात को हुए उपद्रव के चिन्ह हर जगह, हर गली और हर चौराहे पर दिख रहे थे जो अपने ऊपर हुए अत्याचार का हिसाब पूछ रहे थे।
देवभूमि की ऐसी स्थिति पर धामी सरकार सख्त
उत्तराखंड राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस घटना से बहुत दुखी हुए हैं और उन्होंने प्रशासन को सख्त आदेश दिया है कि जिसने भी शातपूर्ण देवभूमि को मरूस्थल बनाने का प्रयास किया है उसपर सख्त कार्रवाई की जाए, किसी को भी बख्शा न जाए और इस उपद्रव के दौरान जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई उन्हीं उपद्रवियों के सम्पत्ति से की जाए जिन्होंने इस देव की भूमि को बंजर और बिरान बनाने का प्रयास किया है। उन्होंने इस संदर्भ में राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी को हल्द्वानी भेजा दिया है। इस बीच पुलिस ने हिंसा में शामिल हुए लोगों के खिलाफ ऐक्शन प्लान का आगाज कर दिया है और 5000 लोगों की पहचान करके उनपर कार्रवाई भी शुरू कर दी गयी है।
फिलहाल हालात की नाजुकता को देखते हुए आसपास के जिलों से हल्द्वानी में सेंट्रल फोर्स की तैनाती भी कर दी गई है। वहीं डीएम ने दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी कर दिए हैं और जिले में शख्त कर्फ्यू लगा दिया गया है। इस कर्फ्यू में केवल दवा और अस्पतालों को छोड़कर स्कूल-ऑफिस और बाजार सहित पूरी तरह से बंद रखने का आदेश दे दिया है है।
हल्द्वानी में सुरक्षा में चूक न हो ऐसे में सुरक्षा का प्रबंध करते हुए पेट्रोल पंपो को भी बंद किया गया है और लोगों को घरों से निकलने से मना किया गया है। फिलहाल अभी इसपर प्रशासन अपनी कार्रवाई कर रहा है।