केदारनाथ उपचुनाव से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार ने अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए कमर कस ली है। उपचुनाव की जंग से पहले प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा केदारनाथ की जमीन को अपने लिए उर्वरा बना देना चाहती है। इसके लिए संगठन से लेकर सरकार ने ताकत झोंक दी है। मानसून में आई आपदा के जख्मों पर राहत का मरहम लगाने के लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने प्रभावित व्यापारियों के लिए नौ करोड़ रुपये के पैकेज जारी कराया है। पार्टी ने पांच प्रमुख मंत्रियों को विभिन्न क्षेत्रों की जिम्मेदारी सौंप दी है, जिससे चुनावी ज़मीन को और उर्वर बनाया जा सके।
भाजपा और सरकार ने मिलकर क्षेत्र में अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। मानसून में आई आपदा से प्रभावित व्यापारियों को राहत देने के लिए मुख्यमंत्री धामी ने 9 करोड़ रुपये का पैकेज जारी किया है, जिससे जनता का विश्वास जीता जा सके।
वहीं, पार्टी संगठन ने भी अपने पांच मंत्रियों को केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न मंडलों में सक्रिय करने का आदेश दिया है। ये मंत्री जल्द ही जनता से संवाद और बैठकें शुरू करेंगे। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि ये मंत्री पार्टी के सदस्यता अभियान में तेजी लाते हुए वोटों को सदस्यता में बदलने की कोशिश करेंगे।
वोटों को सदस्यता में बदलने का टास्क
बीजेपी ने अपने विधायकों को लोकसभा चुनाव में मिले वोटों को सदस्यता में बदलने का टास्क सौंपा है। शैलारानी रावत के निधन के बाद खाली हुई केदारनाथ सीट पर पार्टी को 30,536 वोट मिले थे, जो 2022 के विधानसभा चुनाव में मिले 21,866 वोटों से अधिक हैं। कांग्रेस ने भी अपने वोट बढ़ाए हैं, जहां विधानसभा में उन्हें 12,557 वोट मिले थे, वहीं लोकसभा चुनाव में 20,164 वोट मिले। इस बीच, निर्दलीय कुलदीप रावत, जिन्हें 13,423 वोट मिले थे, अब भाजपा में शामिल हो गए हैं, जिससे भाजपा की स्थिति और मजबूत हो गई है।
बदरीनाथ की जीत से कांग्रेस में जोश
बदरीनाथ उपचुनाव में जीत के बाद कांग्रेस भी जोश में है। प्रदेश और केंद्रीय नेतृत्व ने केदारनाथ चुनाव पर पूरा फोकस किया हुआ है, और कांग्रेस इस उपचुनाव के लिए फिर से जन यात्रा शुरू करने की योजना बना रही है।
केदारनाथ सीट पहले से भाजपा के कब्जे में है
केदारनाथ सीट पहले से भाजपा के कब्जे में है, और पार्टी इसे बनाए रखने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। जहां बदरीनाथ सीट उसके पास नहीं थी, केदारनाथ भाजपा के लिए बेहद अहम है। सरकार और संगठन दोनों मिलकर पूरी कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए पांच मंत्रियों—सतपाल महाराज, सुबोध उनियाल, गणेश जोशी, सौरभ बहुगुणा और रेखा आर्य—को मैदान में उतारा गया है, जो आचार संहिता लागू होने से पहले जनता की समस्याओं का समाधान कर उन्हें भाजपा के पक्ष में वोट देने के लिए प्रेरित करेंगे।