उत्तराखंड में आयुष्मान भारत योजना के तहत फर्जीवाड़े को रोकने के लिए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि आयुष्मान कार्ड केवल उन्हीं लाभार्थियों को जारी किए जाएंगे जो राज्य के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) और राज्य खाद्य सुरक्षा अधिनियम (SFSA) के अंतर्गत आते हैं।
आधार और राशन कार्ड से होगा सत्यापन
भर्ती मरीजों के आधार कार्ड और राशन कार्ड पर दर्ज पते का सत्यापन किया जाएगा। अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं कि वे भर्ती के दौरान मूल दस्तावेजों की जांच सुनिश्चित करें।
पिछले एक-दो वर्षों में बने राशन कार्ड, विशेष रूप से एकल सदस्य वाले राशन कार्ड, का सत्यापन खाद्य विभाग द्वारा कराया जाएगा।
फर्जी कार्ड रोकने के लिए दिशा-निर्देश
राज्य सरकार ने निम्नलिखित कदम उठाने का निर्णय लिया है। सूचीबद्ध अस्पतालों को भर्ती के दौरान दस्तावेजों की कड़ी जांच करने के निर्देश दिए है। फर्जी कार्ड बनाने में शामिल पाए जाने पर सख्त कार्रवाई होगी। मुख्य सचिव ने चेतावनी दी है कि आयुष्मान योजना में किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। फर्जी कार्ड बनाने या उनका उपयोग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
आयुष्मान योजना का उद्देश्य
सरकार ने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि योजना का लाभ केवल वास्तविक और योग्य लाभार्थियों तक पहुंचे। यह कदम फर्जीवाड़े को रोकने और योजना की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए उठाया गया है।
सरकार की यह पहल आयुष्मान भारत योजना के दायरे में आने वाले पात्र लाभार्थियों को अधिक सटीक और निष्पक्ष तरीके से स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेगी।