उत्तराखंड की हर जमीन की एक खास यूनिक आईडी होगी। इसे राजस्व विभाग तैयार करने में जुटा है। अब आपकों घर बैठे ही इस यूनिक आईडी के जरिए जमीन की पूरी सारी जानकारी मिल जाएगी। राजस्व विभाग की की ओर से तीन हजार गांवों में यह काम पूरा कर लिया गया है, और दिसंबर तक इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
अब यूनिक आईडी के माध्यम से मिलेगी जमीन की संपूर्ण जानकारी
आम तौर पर जमीन का पता खसरा- खतौनी से चलता है। लेकिन अब राजस्व विभाग हर जमीन को एक खास यूनिक आईडी देने जा रहा है। इस योजना को केंद्र सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के सहयोग से किया जा रहा है।
इसमें प्रत्येक जमीन का एक नंबर मिलेगा, जिससे पता चलेगा कि यह जमीन कहां पर है, उसके देशांतर और अक्षांश निर्देशांक आदि की जानकारी भी मिल सकेगी।
वहीं राजस्व विभाग प्रत्येक जमीन के अंश निर्धारण संबंधित जानकारी देने की व्यवस्था पर भी काम कर रहा है। राजस्व सचिव एसएन पांडे का कहना है कि जमीन को एक खास आईडी देने की योजना है, इसको लेकर राजस्व विभाग कार्य कर रहा है।
तीन हजार गांव में पूरा हुआ काम
राजस्व विभाग के अधिकारियों की माने तो यह काम मंत्रालय से प्राप्त एक साफ्टवेयर के माध्यम से किया जा रहा है। इसमें डिजिटल मैप में खेत नंबर और खेत नंबर के देशांतर और अक्षांश निर्देशांक को मिलाकर विशेष भूमि पार्सल पहचान संख्या को तैयार किया जाता है।
This post is written by Abhijeet kumar yadav