देहरादून 8-9 दिसंबर को वैश्विक निवेशक शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए तैयार है, जिसमें भारत और दुनिया भर से 5,000 प्रतिनिधियों के जुटने की उम्मीद है।
मुख्य हाइलाइट्स:
उद्देश्य: उत्तराखंड सरकार का लक्ष्य शिखर सम्मेलन के दौरान सुशासन, एक सहायक नियामक ढांचे और टिकाऊ प्रथाओं पर ध्यान केंद्रित करते हुए 15 से अधिक निवेशक-अनुकूल नीतियों का प्रदर्शन करना है।
एजेंडा: इस आयोजन में बिजनेस-टू-बिजनेस (बी2बी) और सरकार-टू-बिजनेस (जी2बी) बैठकें शामिल हैं, जो निवेशकों को सूचित निर्णय लेने में सहायता करने के लिए डिज़ाइन की गई हैं।
सहयोग: शिखर सम्मेलन उन्नत प्रौद्योगिकियों, नवाचारों और आगामी रुझानों को प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करके प्रदर्शकों, निजी उद्यमों और सरकारी संगठनों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना चाहता है। क्षेत्रीय सत्र उद्योग की चुनौतियों और अवसरों पर गहन चर्चा की सुविधा प्रदान करेंगे।
निवेश माहौल: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कानून और व्यवस्था के संबंध में राज्य की सुरक्षा पर प्रकाश डाला, इसे देश में सबसे सुरक्षित और एक प्रमुख निवेश गंतव्य के रूप में स्थान दिया। रोजगार सृजन पर प्राथमिक फोकस के साथ ₹2 लाख करोड़ के निवेश प्रस्तावों की पहले ही पुष्टि की जा चुकी है।
सोशल मीडिया पुश: सीएम धामी ने सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स मीट में उपस्थित लोगों से इस कार्यक्रम को विश्व स्तर पर प्रचारित करने का आग्रह किया। उन्होंने “डेस्टिनेशन उत्तराखंड, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट” को अपने प्लेटफॉर्म के माध्यम से दुनिया भर में ट्रेंड करने की इच्छा व्यक्त की।
आधिकारिक उद्घाटन: प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी 8 दिसंबर को वन अनुसंधान संस्थान में शिखर सम्मेलन का आधिकारिक उद्घाटन करने के लिए तैयार हैं। ‘डेस्टिनेशन उत्तराखंड’ ढांचा वाइब्रेंट गुजरात मॉडल से प्रेरित है।
सुरक्षा उपाय: कार्यक्रम के लिए सुरक्षा उपायों सहित व्यापक तैयारियां की गई हैं। सुरक्षा उद्देश्यों के लिए एक उप महानिरीक्षक की देखरेख में लगभग 600 पुलिस कर्मियों को तैनात किया जाएगा। डीजीपी अभिनव कुमार ने शिखर सम्मेलन की सफलता सुनिश्चित करने का विश्वास व्यक्त किया और इसकी जीत के लिए उत्तराखंड पुलिस की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।