उत्तराखण्ड के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा आयुष्मान कार्ड के तहत इलाज करने को लेकर बड़े अस्पताल जो पहले इनकार कर रहे थे वो अब ऐसा नहीं करंगे, उन्हें अब लोगों का इलाज इस कार्ड के तहत ही करना होगा। इसके लिए अस्पताल प्रबंधकों के साथ पहले ही बैठक हो चुकी है और जल्द ही इस संबंध में आदेश भी पारित कर दिया जाएगा।
मुफ्त इलाज से बचने के लिए डॉक्टर कर रहे थे ऐसा काम
आयुष्मान कार्ड के अंतर्गत मुफ्त इलाज करने से बच रहे प्राइवेट अस्पतालों को लेकर सरकार का रवैया सख्त है। बता दें कि स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने इस संबंध में कहा कि आपको राज्य में अस्पताल चलाना है तो आयुष्मान के नियमों के तहत मरीजों का इलाज करना होगा और इससे आप बच नहीं सकते हैं।
ये बात उन्होंने कांग्रेस पार्टी के विधायक ममता राकेश के सवाल के जवाब देते हुए कहा है जिसमें उन्होंने कहा है कि प्रदेश में चल रहे सभी छोटे और बड़े अस्पतालों को आयुष्मान कार्ड धारकों को इलाज सुविधा नियम के अनुरूप देनी होगी। वहीं जो अस्पताल अभी तक इससे बच रहें हैं उन्हें ये साफ-साफ संदेश दे दिया है कि सबके लिए कानून एक समान है इसलिए आपको कानून के अंदर रहकर ही काम करना होगा। पर यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो आप अस्पताल भी नहीं चला सकते हैं।
बन चुके हैं अभी तक 4.87 लाख आयुष्मान कार्ड
बता दें कि इस योजना के तहत अभी तक 4.87 लाख कर्मचारियों के कार्ड बनाए जा चुके हैं। वहीं इसकी सहायता से 1.15 लाख कर्मचारियों ने विभिन्न बीमारियों का मुफ्त में इलाज करावाया है। जिसपर 349 करोड़ राशि खर्च की गयी है। पर अभी कर्मचारियों को ओपीडी वार्ड में कैशलेस इलाज कराने की सुविधा नहीं है। जिसके लिए कर्मचारियों को चिकित्सा प्रतिपूर्ति दी जाती है।