चमोली में चीनी सीमा क्षेत्र के अंतिम गांव नीती इन दिनों बर्फ से पूरी तरह ढका चुका हुआ है। इस गांव में बर्फबारी से हुए क्षति का निरीक्षण करने जा रहे भोटिया जनजाति के ग्रामीणों को, फरकिया गांव से ही लौटकर वापस आना पड़ा। इसका कारण गांव के आगे मलारी-नीती हाईवे पर लगभग तीन फीट बर्फ जमा होना है।
नीती हाईवे बर्फ से ढका
ग्रामीणों ने कहा कि, फरकिया गांव से आगे नीती हाईवे बर्फ से पूरी तरह ढका हुआ है, जबकि मकानों के अंदर बर्फ जम चुका है। वहीं, मलारी गांव में फिलहाल करीब दो फीट तक बर्फ जमा हुआ है।
कागा गांव के ग्राम प्रधान पुष्कर सिंह राणा ने बताते हैं कि, फरकिया गांव से आगे हाईवे पर करीब तीन फीट से ज्यादा बर्फ जमा है, जिससे नीती गांव तक वाहन जाना संभव नहीं है। वहीं बीआरओ की ततफ से यहां बर्फ हटाने का काम शुरू कर दिया गया है। वहीं, काली मंदिर और भापकुंड के पास हाईवे पर हिमखंड पसरे हैं, लेकिन हिमखंड काटकर बीआरओ ने हाईवे खोल दिया है।
नीती घाटी के ग्रामीण ने बताया कि वे सर्दियों में जिले के निचले क्षेत्रों में निवास करते हैं, जबकि ग्रीष्मकाल के समय यानि अप्रैल-माह में अपने पैतृक गांवों में चले जाते हैं, लेकिन इस बार घाटी में अधिक बर्फबारी के चलते ग्रामीण दिक्कतों में हैं।