उत्तरकाशी जल्द ही प्रदेश का पहला डिस्ट्रिक स्मार्ट कंट्रोल रूम प्राप्त करने जा रहा है, जो सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में जिले की सुरक्षा और प्रबंधन को एक नई दिशा देगा। वर्तमान में इस परियोजना का 75% काम पूरा हो चुका है और शेष कार्यों को तेजी से पूरा किया जा रहा है।
यह परियोजना केंद्र सरकार की 2019 की पहल के तहत उत्तरकाशी को देश के 17 जनपदों में से चुना गया था। राज्य से चुना गया यह एकमात्र जिला है, जहां 2.11 करोड़ की लागत से स्मार्ट कंट्रोल रूम का निर्माण हो रहा है। निर्माण कार्य 2022 के अंत में शुरू हुआ था, और अब यह अंतिम चरण में है।
स्मार्ट कंट्रोल रूम की प्रमुख विशेषताएं
70 नए HD कैमरे: जिले के 70 प्रमुख स्थानों पर पांच मेगापिक्सल के एचडी कैमरे लगाए जाएंगे। इन कैमरों को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम से लेकर चारधाम यात्रा मार्ग, खनन क्षेत्र और जनपद की सीमाओं पर लगाया जाएगा।
360 डिग्री घूमने वाले कैमरे: इनमें कुछ कैमरे 360 डिग्री घूमने की क्षमता वाले पीटीआर कैमरे होंगे, जिन्हें भीड़भाड़ वाले इलाकों में लगाया जाएगा।
फाइबर कनेक्टिविटी: सभी कैमरों को फाइबर केबल के माध्यम से स्मार्ट कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा, जिससे निरंतर निगरानी और प्रबंधन संभव हो सकेगा।
आपदा प्रबंधन और सुरक्षा में सुधार
यह स्मार्ट कंट्रोल रूम चारधाम यात्रा और आपदा प्रबंधन में एक अहम भूमिका निभाएगा। जिले में पहले से स्थापित 70 से अधिक कैमरों को भी इस नई व्यवस्था से जोड़ा जा चुका है, जिससे अब कुल 150 से अधिक कैमरों से जिले की निगरानी की जाएगी। इन कैमरों में एक महीने तक की रिकॉर्डिंग सुरक्षित रखने की सुविधा होगी, जिससे किसी भी घटना का सटीक रिकॉर्ड मिल सकेगा।
जगह चयन और कैमरे लगाने की प्रक्रिया
वर्तमान में कैमरे लगाने के लिए स्थानों का चयन किया जा रहा है, जिसके बाद कैमरों को स्थापित कर कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा। यह स्मार्ट कंट्रोल रूम अगले एक महीने में पूरी तरह से काम करना शुरू कर देगा।
स्मार्ट कंट्रोल रूम के फायदे
सुरक्षा और निगरानी: पूरे जिले में CCTV कैमरों के माध्यम से सुरक्षा की एक सशक्त व्यवस्था बनाई जा रही है, जो आपराधिक गतिविधियों पर नज़र रखने में मददगार होगी।
आपदा प्रबंधन: आपदा प्रबंधन के दौरान इस कंट्रोल रूम से तत्काल कार्रवाई और सूचना आदान-प्रदान किया जा सकेगा, जिससे राहत कार्यों में तेजी आएगी।
चारधाम यात्रा प्रबंधन: यात्रा मार्गों पर कैमरे लगने से यात्रा प्रबंधन में भी आसानी होगी, जिससे यात्रियों की सुरक्षा और सुविधाओं में सुधार होगा।
यह कंट्रोल रूम उत्तराखंड में एक नई सुरक्षा और निगरानी प्रणाली की नींव रखेगा, जिससे जिले में आपदाओं से निपटने और चारधाम यात्रा को सुरक्षित बनाने में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।