उत्तराखंड सरकार पारंपरिक मार्गों पर भीड़ के दबाव को कम करने के लिए नैनीताल जिले के रामनगर से चारधाम यात्रा शुरू करने की संभावना तलाश रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद, नैनीताल जिला प्रशासन और परिवहन विभाग ने प्रारंभिक सर्वेक्षण किया है और इस संभावित नए मार्ग पर एक रिपोर्ट तैयार की है।
चारधाम यात्रा में हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं, जिससे भीड़ को नियंत्रित करने के लिए वैकल्पिक समाधान की आवश्यकता होती है। कुछ माह पहले जारी मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद प्रशासन यात्रा को रामनगर से शुरू करने पर विचार कर रहा है। इसके बाद, नैनीताल के जिलाधिकारी के नेतृत्व में एक टीम ने रामनगर से कर्णप्रयाग तक सर्वेक्षण किया और एक विस्तृत रिपोर्ट संकलित की।
प्रस्तावित मार्ग एवं क्षमता
रामनगर से चारधाम यात्रा का प्रस्तावित मार्ग मोहन मोलेखाल-भिकियासैंण, चौखुटिया-गैरसैंण और कर्णप्रयाग से होकर गुजरेगा। ऐतिहासिक रूप से, इस पथ का उपयोग तीर्थयात्रियों द्वारा किया जाता था। हालाँकि, यह मार्ग वर्तमान में सिंगल लेन है, जो बड़ी संख्या में वाहनों के संचालन के लिए सुरक्षा संबंधी चिंताएँ प्रस्तुत करता है। रिपोर्ट बताती है कि प्रतिदिन 150 बसों और 300 छोटे वाहनों का प्रबंधन किया जा सकता है। यात्रा की शुरुआत रामनगर में सिंचाई विभाग और डिग्री कॉलेज के मैदान से होगी, जहां पार्किंग की व्यवस्था की जा सकती है।
आवश्यक सुविधाएं
रिपोर्ट में यात्रा शुरू होने से पहले मार्ग पर विभिन्न सुविधाएं विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। धर्मशाला और होटल जैसे आवास विकल्प सीमित हैं, और यात्रियों की सहायता के लिए भोजन, शौचालय और वाहन मरम्मत गैरेज के लिए अतिरिक्त प्रावधानों की आवश्यकता होती है।
यातायात प्रबंधन
ऋषिकेश चारधाम यात्रा मार्ग पर दबाव कम करने के लिए, रामनगर सड़क दिल्ली और उत्तर प्रदेश से लौटने वाले वाहनों के लिए एक विकल्प के रूप में काम कर सकती है। इस मार्ग परिवर्तन से श्रद्धालु लगभग पांच घंटे में कर्णप्रयाग से रामनगर पहुंच सकेंगे, जिससे दिल्ली की वापसी यात्रा आसान हो जाएगी। इस प्रणाली को लागू करने की व्यवहार्यता पर विचार किया जा रहा है।
आर्थिक एवं रोजगार के अवसर
कुमाऊं से चारधाम यात्रा शुरू होने से आसपास के क्षेत्रों में रोजगार के नये अवसर पैदा हो सकते हैं। इस मार्ग में आदि बद्री भी शामिल है, जो भक्तों के लिए अतिरिक्त तीर्थ स्थल प्रदान करता है। पर्यटक गतिविधि बढ़ने से मार्ग पर आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलने की संभावना है।
भविष्य की योजनाएँ और विकास
मुख्यमंत्री के निर्देश पर चारधाम यात्रा के लिए रामनगर और कैंची धाम से वैकल्पिक मार्ग पर विचार किया जा रहा है। प्रशासन पंजीकरण केंद्र, शौचालय और पार्किंग समेत जरूरी सुविधाएं बढ़ाने की तैयारी कर रहा है। सड़कों की हालत सुधारने के प्रस्ताव पर भी काम चल रहा है। वर्तमान में तीन संभावित मार्गों का परीक्षण किया जा रहा है, अंतिम निर्णय सभी पहलुओं की सरकारी समीक्षा के लिए लंबित है।