उत्तराखंड में एक सुरंग ढहने से लगभग 40 मजदूर फंस गए हैं, जिससे बड़े पैमाने पर खोज और बचाव अभियान चलाया जा रहा है। हालांकि बचाव कर्मियों ने फंसे हुए व्यक्तियों के साथ संचार स्थापित किया है और उनकी सुरक्षा की पुष्टि की है, लेकिन उन्हें मुक्त कराने के चल रहे प्रयासों में कई चुनौतियाँ बनी हुई हैं।
बचाव अभियान अवलोकन:
संचार स्थापित: 24 घंटे से अधिक समय से फंसे श्रमिक वॉकी-टॉकी के माध्यम से बचावकर्मियों के संपर्क में हैं। अधिकारियों ने शाम तक बचाव अभियान पूरा होने की आशा व्यक्त की है।
160 बचावकर्मी: राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा राहत बल (एसडीआरएफ) और पुलिस सामूहिक रूप से बचाव अभियान चला रहे हैं। लगभग 160 बचावकर्मी फंसे हुए मजदूरों तक पहुंचने के लिए ड्रिलिंग उपकरण और उत्खनन का उपयोग कर रहे हैं।
भागने के मार्ग का निर्माण: फंसे हुए श्रमिकों तक पहुंचने के लिए एक समर्पित भागने का मार्ग बनाया जा रहा है, जिसे कवर करने के लिए लगभग 60 मीटर की दूरी बाकी है। मलबे को हटाना, विशेष रूप से चौड़ी सुरंग को अवरुद्ध करने वाले 20 मीटर के स्लैब को हटाना, ऑपरेशन का एक महत्वपूर्ण पहलू है।
मलबा स्थिरीकरण: ढीला मलबा लगातार गिर रहा है, जिससे बचाव अभियान में देरी हो रही है। मलबे को स्थिर करने और निकालने की प्रक्रिया में तेजी लाने के प्रयास जारी हैं।
फंसे हुए श्रमिकों की सुरक्षा:
संचार और आपूर्ति: सुरंग के अंदर फंसे विभिन्न राज्यों के श्रमिकों के सुरक्षित होने की सूचना है। वॉकी-टॉकी के माध्यम से संचार स्थापित किया गया है, और भोजन और ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए दो जल पाइपलाइनों का उपयोग किया जा रहा है। श्रमिकों के पास चलने और सांस लेने के लिए लगभग 400 मीटर का बफर है।
खाद्य और ऑक्सीजन आपूर्ति: अधिकारी एक पाइपलाइन के माध्यम से खाद्य सामग्री भेज रहे हैं, जबकि दूसरी पाइपलाइन फंसे हुए श्रमिकों को अतिरिक्त ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रही है।
सुरंग ढहने का विवरण:
स्थान और उद्देश्य: ढही हुई सुरंग चार धाम सड़क परियोजना का हिस्सा है, जो सिल्क्यारा को उत्तरकाशी के डंडालगांव से जोड़ती है। इसका लक्ष्य उत्तरकाशी से यमुनोत्री धाम की यात्रा दूरी को 26 किलोमीटर कम करना है।
पतन का कारण: पतन का सटीक कारण निर्धारित करने के लिए जांच जारी है। बताया गया है कि सुरंग के शुरुआती बिंदु से केवल 200 मीटर तक प्लास्टर किया गया था, उससे आगे नहीं, जो संभावित रूप से धंसने में योगदान दे रहा था।
सरकार की प्रतिक्रिया:
मुख्यमंत्री का दौरा: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थिति का आकलन करने और बचाव प्रयासों की निगरानी के लिए घटनास्थल का दौरा किया।
चुनौतियों के बावजूद, चल रहा बचाव अभियान फंसे हुए श्रमिकों को सुरक्षित निकालने पर केंद्रित है। स्थिति विकसित होने पर नियमित अपडेट दिए जाएंगे।