चार धाम यात्रा हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक यात्रा है, जो आमतौर पर अप्रैल-मई से अक्टूबर-नवंबर तक की जाती है। यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ की यात्रा करते हुए तीर्थयात्रा को दक्षिणावर्त दिशा में पूरा करने की सलाह दी जाती है।
सरकार ने लागू किये नये नियम
उत्तराखंड सरकार ने 16 मई को घोषणा की कि मंदिरों में बड़ी संख्या में भक्तों के आने के कारण 31 मई तक केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री में वीआईपी दर्शन की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके अतिरिक्त, हरिद्वार और ऋषिकेश में ऑफ़लाइन पंजीकरण 19 मई तक निलंबित है।
In view of the huge crowd of pilgrims in the Char Dham Yatra, Uttarakhand Chief Secretary Radha Raturi has extended the ban on VIP darshan till May 31, so that all the devotees can easily visit the four Dhams. pic.twitter.com/u2GX19Ap8n
— ANI (@ANI) May 17, 2024
सोशल मीडिया रील्स बनाने पर रोक
एक नए नियम के तहत मंदिरों के 50 मीटर के दायरे में वीडियोग्राफी और सोशल मीडिया रील्स बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस उपाय का उद्देश्य भीड़ को इकट्ठा होने और अन्य तीर्थयात्रियों को असुविधा होने से रोकना है।
Uttarakhand Chief Secretary Radha Raturi orders a ban on videography/making reels for social media within a radius of 50m of the temple complex in all four Dhams
She has given this order to Secretary Tourism, Commissioner Garhwal Division & DMs and SPs of the concerned districts pic.twitter.com/R5klCpNa46
— ANI (@ANI) May 17, 2024
चार धाम यात्रा विवरण
चार धाम यात्रा 10 मई को शुरू हुई थी। पहले छह दिनों में, भारत और विदेश से 334,732 से अधिक तीर्थयात्रियों ने मंदिरों के दर्शन किए। 16 मई तक, 2.7 मिलियन से अधिक भक्तों ने यात्रा के लिए पंजीकरण कराया है, जिसके लिए पूर्व पंजीकरण की आवश्यकता है। श्रद्धालु अपने पंजीकरण के दौरान बताई गई तारीखों पर ही मंदिरों में जा सकते हैं।
बुजुर्ग भक्तों के लिए स्वास्थ्य दिशानिर्देश
चिकित्सा इतिहास वाले बुजुर्ग श्रद्धालुओं को यात्रा शुरू करने से पहले स्वास्थ्य जांच कराने और उत्तराखंड के स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पालन करने की सलाह दी जाती है।
चार धाम यात्रा का आध्यात्मिक महत्व
चार धाम यात्रा हिंदू धर्म में गहरा आध्यात्मिक महत्व रखती है। तीर्थयात्री यात्रा को दक्षिणावर्त दिशा में पूरा करने में विश्वास करते हैं: यमुनोत्री से शुरू होकर, गंगोत्री, फिर केदारनाथ, और बद्रीनाथ पर समाप्त। यह तीर्थयात्रा सड़क या हवाई मार्ग से की जा सकती है, सुविधा के लिए हेलीकॉप्टर सेवाएं उपलब्ध हैं।