लोकसभा चुनाव 2024 में वरुण गांधी ने अपना ध्यान सुल्तानपुर में अपनी मां मेनका गांधी का समर्थन करने पर केंद्रित कर दिया है, जब भाजपा ने उनका टिकट पीलीभीत से रद्द कर दिया और जितिन प्रसाद को अपना उम्मीदवार बनाया। टिकट रद्द होने के बीच वरुण गांधी ने प्रचार की भूमिका निभाई।
खुद चुनाव न लड़ने के बावजूद, वरुण गांधी राजनीतिक क्षेत्र में सक्रिय हैं, और सुल्तानपुर में अपनी मां के लिए जोरदार प्रचार करने पहुंचे। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान किए गए विकास कार्यों पर प्रकाश डाला और अपने परिवार की ओर से जनता से समर्थन की अपील की।
वरुण गांधी के लिए सुल्तानपुर का महत्व
वरुण गांधी ने अपने परिवार के साथ सुल्तानपुर के अनूठे रिश्ते पर जोर दिया, यह देखते हुए कि यह एकमात्र क्षेत्र है जहां सांसद को प्यार से “माताजी” कहा जाता है। उन्होंने मतदाताओं से न केवल उनकी मां बल्कि सुल्तानपुर के व्यापक कल्याण के लिए भी समर्थन देने का आग्रह किया।
वरुण गांधी का राजनीतिक रुख
इससे पहले, वरुण गांधी ने अपनी ही पार्टी की नीतियों के खिलाफ असंतोष व्यक्त किया था, खासकर किसान आंदोलन और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर। आंतरिक मतभेदों के बावजूद, वह राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल रहते हैं।
भाजपा ने वरुण गांधी को टिकट नहीं दिया है। वो पीलीभीत से सांसद थे। इस बार वह अपनी मां मेनका गांधी के लिए प्रचार कर रहे हैं।