उत्तराखंड आज अपना पहला आदिवासी गौरव दिवस मनाने के लिए पूरी तरह तैयार है , जो आदिवासी समुदायों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और योगदान का सम्मान करने के लिए समर्पित एक विशेष अवसर है।
तीन दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कौलागढ़ के ओएनजीसी स्टेडियम में करेंगे, जहां इस अवसर को भव्य उत्सव के रूप में मनाया जाएगा।
सांस्कृतिक उत्सव और श्रद्धा का दिन
आदिवासी गौरव दिवस न केवल महान आदिवासी नेता और स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि देने का दिन है, बल्कि यह पूरे राज्य में आदिवासी समुदायों की जीवंत परंपराओं और योगदान को भी उजागर करेगा।
आदिवासी कल्याण विभाग के निदेशक एसएस टोलिया के अनुसार, यह दिन बहुत महत्व रखता है क्योंकि यह बिरसा मुंडा की जयंती के साथ मेल खाता है, जो आदिवासी लोगों के अधिकारों के लिए अपने अथक संघर्ष के लिए जाने जाते हैं।
कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएं: तीन दिवसीय है समारोह
तीन दिवसीय कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों, प्रदर्शनियों और उत्तराखंड की आदिवासी विरासत को श्रद्धांजलि देने का शानदार मिश्रण होने का वादा सरकार ने किया है। मुख्यमंत्री धामी शाम 5 बजे कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे, फिर शाम 6:30 बजे सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होंगी।
ऐसे में आज उद्घाटन दिवस पर प्रसिद्ध स्थानीय कलाकारों द्वारा संगीत प्रस्तुतियां दी जाएंगी, जिनमें प्रसिद्ध लोक गायक इंदर आर्य और रेशमा शाह शामिल हैं, जो उत्तराखंड की समृद्ध लोक परंपराओं को प्रदर्शित करेंगे।
16 नवंबर को यह कार्यक्रम दोपहर 1 बजे दर्शकों के लिए खुलेगा, जहाँ वे आदिवासी समुदायों की सांस्कृतिक जीवंतता को दर्शाने वाली विभिन्न प्रदर्शनियों का अवलोकन कर सकते हैं।
शाम को अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे, जिसमें माया उपाध्याय, नरेश बादशाह और विवेक नौटियाल जैसे प्रमुख कलाकार दर्शकों का मनोरंजन करने के लिए मंच पर उतरेंगे।
अंतिम दिन, 17 नवंबर को उत्तराखंड और अन्य राज्यों से सांस्कृतिक समूह शाम 6 बजे से कई रोमांचक प्रस्तुतियां देंगे। ग्रैंड फिनाले में रात 8:30 बजे लोकप्रिय लोक गायक किशन महिपाल और सनी दयाल की प्रस्तुती निर्धारित है।
This Post is written by Abhijeet Kumar yadav