उत्तराखंड में हुए साइबर हमले के पीछे विशेषज्ञ कई कारण मान रहे हैं। सेंटर की पांच स्तरीय सुरक्षा में डिटेक्शन का कोई पता नहीं ।
उत्तराखंड में पिछले हफ्ते हुए साइबर हमले के पीछे विशेषज्ञ कोई बड़ी चूक मान रहे हैं।आईटी विशेषज्ञ अमित दुबे का मानना है कि कहीं न कहीं कुछ वजह से सिस्टम कमजोर होने से माकोप रैनसमवेयर जैसा हमला हुआ है।
विशेषज्ञ का कहना है कि तीन तरह की कमजोरी से यह साइबर हमला हो सकता है। पहली कमी तकनीकी स्तर की कमजोरी होती है, जिसके अंदर कई तकनीकी खामियां हो सकती हैं।
पांच स्तर की सुरक्षा होने के बावजूद किसी भी फायरवाल को तोड़ने पर उसकी सूचना का न मिलना भी एक गंभीर तकनीकी मामला है।
तीसरा कारण: यूजर के स्तर पर हो सकती है।
दूसरा कारण प्रक्रिया के दौरान भी हो सकता है। यानी पूरे सिस्टम को चलाने में जो भी प्रक्रिया अपनाई गई, वह कितनी मजबूत या कमजोर थी। उसमें भी कितने लूपहोल थे। तीसरा कारण यूजर के स्तर का भी हो सकता है।
आईटीडीए से जुड़े तमाम सॉफ्टवेयर के जिन लोगों के पास एडमिन राइट हैं, वह किस तरह से इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। यानी वह साइबर अपराध के प्रति कितना सजग हैं, यह भी देखने वाली बात है।
उनका ये भी कहना है कि ऐसा भी हो सकता है कि कोई फायरवाल मिसिंग हो रहा है।साथ ही उनका कहना है कि इसका प्रॉपर बैकअप होना जरूरी है, ताकि इस तरह का हादसा पेश आने के बाद तत्काल दूसरे विकल्पों से आईटी सेवाएं सुचारू की जा सकें।
This post is written by Abhijeet kumar yadav