राज्य में विकास की रफ्तार पकड़ने से बजट में 20 गुना बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2000 में उत्तराखंड का बजट लगभग 4,500 करोड़ रुपये था। वर्ष 2024-25 के लिए कुल 94 हजार करोड़ रुपये से अधिक का बजट प्रस्तावित किया गया है।
24 वर्षों की विकास यात्रा में उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था का आकार 24 गुना बढ़ गया है। इसी तरह, प्रति व्यक्ति आय 17 गुना बढ़ी है। इसका मतलब है कि उत्तराखंड ने आर्थिक मोर्चे पर एक बड़ी छलांग लगाई है।
सरकार के अनुसार, राज्य की अर्थव्यवस्था (जीएसडीपी) लगातार सुधार की दिशा में आगे बढ़ रही है। अर्थव्यवस्था का बढ़ता आकार राज्य की समृद्धि को दर्शाता है। आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2000 में अर्थव्यवस्था का आकार 14,501 करोड़ रुपये था।
इसमें पर्यटन का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। दो वर्ष पहले जीएसडीपी में पर्यटन सेक्टर की भागीदारी 37 प्रतिशत से बढ़कर 43.7 प्रतिशत हो गई है। प्रति व्यक्ति आमदनी भी बढ़कर 2.60 लाख हो चुकी है।
वर्ष 2000 में प्रति व्यक्ति आय 15,285 रुपये थी। पिछले दो वर्षों में राज्य की प्रति व्यक्ति आय में 26 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। राज्य में विकास की गति तेज होने से बजट में भी 20 गुना बढ़ोतरी हुई है।
वर्ष 2000 में उत्तराखंड का बजट लगभग 4,500 करोड़ रुपये था, जबकि वर्ष 2024-25 के लिए कुल 94 हजार करोड़ से अधिक बजट का प्रावधान किया गया है। इसमें 89,230.07 करोड़ रुपये का आम बजट और 5,013.05 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट शामिल है।
राज्य गठन के 24 वर्षों में उत्तराखंड ने विकास की नई ऊंचाइयों को हासिल किया है। विकास यात्रा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाला कालखंड विशेष रूप से महत्वपूर्ण रहा है। आर्थिक मोर्चे पर हमारा प्रदर्शन उत्साहजनक रहा है।
राज्य की प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि हुई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमने अगले पांच वर्षों में राज्य की जीएसडीपी को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है।
घाटे में चल रहे कई सरकारी विभाग अब लाभ देने की स्थिति में आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें विश्वास है कि राज्य की देवतुल्य जनता और शासन-प्रशासन के प्रयासों से हम इस लक्ष्य को हासिल करने में सफल होंगे।
This post is written by Abhijeet kumar yadav