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UK News – इस साल नहीं होंगे पंचायत चुनाव, परिसीमन की प्रक्रिया शेष, नहीं बढ़ेगा कार्यकाल

उरात्तखंड में पंचायत चुनाव टाल दिए गए हैं। 27 नवंबर को पंचायतों का कार्यकाल खत्म हो रहा है, लेकिन इस बार के चुनाव अगले साल फरवरी या मार्च 2025 के बाद ही कराए जाएंगे।

By: hindidesk  RNI News Network
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UK News – इस साल नहीं होंगे पंचायत चुनाव, परिसीमन की प्रक्रिया शेष, नहीं बढ़ेगा कार्यकाल

उरात्तखंड में पंचायत चुनाव टाल दिए गए हैं। 27 नवंबर को पंचायतों का कार्यकाल खत्म हो रहा है, लेकिन इस बार के चुनाव अगले साल फरवरी या मार्च 2025 के बाद ही कराए जाएंगे।

चमोली, चंपावत, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जिलों में नए परिसीमन की प्रक्रिया अभी शेष है, जिससे इन क्षेत्रों में सीटों की संख्या में बदलाव हो सकता है। मतदाता सूचियों का संशोधन जनवरी 2025 तक पूरा होने के बाद ही चुनाव संभव हैं, इसलिए सरकार चुनावी अंतराल के दौरान प्रशासक नियुक्त करने पर विचार कर सकती है।

मुख्यमंत्री की ओर से रिपोर्ट मांगे जाने के बाद अब शासन का अंतिम निर्णय महत्वपूर्ण रहेगा। पंचायत चुनावों के स्थगन और कार्यकाल विस्तार पर कोई भी कदम सीधे राज्य की प्रशासनिक रणनीति और पंचायत प्रतिनिधियों की मांगों पर निर्भर करेगा।

दरअसल पंचायती चुनाव को लेकर सीएम धामी ने 20 अक्तूबर तक रिपोर्ट मांगी थी। उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायतों के चुनाव के लिए पंचायत निदेशालय विभाग की ओर से हरिद्वार को छोड़कर सभी जिलों में ग्राम, क्षेत्र और जिला पंचायतों का परिसीमन किया गया।

पंचायत निदेशालय के द्वारा शासन को रिपोर्ट भेज दी गई है। ग्राम पंचायतों के परिसीमन होने के बाद ग्राम पंचायतों की संख्या 7,796 से बढ़कर 7,823 हो गई है। ग्राम पंचायत वार्ड की भी संख्या 59,219 से बढ़कर 59,357 और जिला पंचायत की सीटें 385 से बढ़कर 389 हो गई थी।

वहीं , क्षेत्र पंचायतों की संख्या भी बढ़ने के जगह 3,162 से घटकर 3,157 हो गई है, लेकिन शहरी विकास विभाग द्वारा कुछ निकायों का विस्तार एवं कुछ ग्राम पंचायतों को नगर पालिका क्षेत्र से बाहर किया गया है।

सरकार चाहे तो पंचायत प्रतिनिधियों को बना सकती प्रशासक

पंचायतीराज विभाग के अफसरों की माने, तो पंचायतों का कार्यकाल बढ़ाने की एक्ट में कोई नई व्यवस्था नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि एक दिन के लिए भी त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल नहीं बढ़ाया जा सकता है।

लेकिन यदि सरकार चाहे तो पंचायत प्रतिनिधियों की अधिकतम छह महीने के लिए प्रशासक बना सकती है। एक्ट में व्यवस्था है कि व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह को प्रशासक नियुक्त किया जा सकता है।

जिला पंचायतों में अब डीएम संग जिला पंचायत अध्यक्ष को भी प्रशासक बनाया जा सकता है। ब्लॉक में एसडीएम के साथ क्षेत्र प्रमुख को तो वहीं ग्राम पंचायतों में एडीओ पंचायत के साथ ग्राम प्रधान को सरकार चाहे तो प्रशासक नियुक्त कर सकती है।

क्या है पंचायत प्रतिनिधियों की मांग?

पंचायत प्रतिनिधियों ने पंचायतों का दो साल का कार्यकाल बढ़ाते हुए 12 जिलों में इस साल की जगह हरिद्वार जिले के साथ साल 2027 में एक साथ पंचायत चुनाव कराए जाने की मांग की है। उनका मानना है कि ऐसा कर राज्य में एक राज्य एक पंचायत चुनाव के सिद्धांत को लागू किया जा सकेगा।

पंचायत प्रतिनिधियों का कहना है कि राज्य में इससे पहले भी अधिसूचना जारी कर पंचायतों के कार्यकाल को बढ़ाया गया था। देश के अन्य राज्यों में भी कार्यकाल बढ़ाने के लिए अध्यादेश लाए गए हैं।

This post is written by Abhijeet kumar yadav

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