UK NEWS: प्रदेश सरकार “नमामि गंगे” कार्यक्रम के अंतर्गत नदियों को स्वच्छ बनाने के लिए तेजी से प्रयास कर रही हैं। इसी क्रम में 244.48 MLD क्षमता सृजित करने के साथ-साथ 62 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट को भी स्थापित किए जाने की परियोजना बनाई जा रही है। इस दौरान 43 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।
जिनमें से अभी तक 36 परियोजनाएं पूरी कर ली गई हैं। इसके साथ-साथ ही 20 STP की स्थापना और बाकी 7 परियोजनाएं विभिन्न चरणों में जारी हैं।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने बताया कि एनएमसीजी (NMCG) और सीपीसीबी (CPCB) की ओर से किए गए मूल्यांकन किया जा रहा है।इस परियोजना के मुताबिक 170 नालों की पहचान की गई है. जिनमें से 137 नालों को रोका जा चुका है. बाकी 33 नालों पर कार्य अभी जारी है।
मुख्य सचिव की निगरानी से नदियों के पानी की गुणवत्ता में हुआ सुधार
मुख्य सचिव ने बताया कि केएफडब्ल्यू द्वारा वित्त-पोषित परियोजनाओं के तहत हरिद्वार और ऋषिकेश जैसे शहरों में 541 किलोमीटर लंबे सीवर नेटवर्क में गंगा नदी में गिरने वाले सीवेज के शत प्रतिशत उपचार किया जा रहा है।
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि नियमित निगरानी के परिणामस्वरूप अब गंगोत्री से ऋषिकेश तक पानी की गुणवत्ता में सुधार देखा गया। जहां यह पीने के लिए पानी को उपयुक्त पूरा करता है। वहीं ऋषिकेश से हरिद्वार तक पानी की गुणवत्ता बाहर नहाने वाले पानी के लिए उपयुक्त होता है। वह इसी के अंतर्गत आती है. इसे और बेहतर बनाने का काम प्रगति पर है।