उत्तर प्रदेश: विधानमंडल का चार दिवसीय शीतकालीन सत्र 28 नवंबर से होगा। सत्र के दूसरे दिन राज्य सरकार वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए अनुपूरक बजट पेश करेगी। अगले वर्ष लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अनुपूरक बजट 40 से 50 हजार करोड़ रुपये का हो सकता है, ताकि चुनाव से पहले तमाम योजनाओं व विकास परियोजनाओं को तेजी से अमल में लाया जा सके।
प्रमुख सचिव (विधानसभा) प्रदीप कुमार दुबे द्वारा बुधवार को जारी अस्थायी एजेंडे के अनुसार, 28 नवंबर को सत्र के पहले दिन मौजूदा और पूर्व सदस्यों के लिए श्रद्धांजलि के बाद स्थगन शामिल होगा। 29 नवंबर को सरकार अध्यादेशों की जगह लेने वाले विधेयक पेश करेगी और अन्य आधिकारिक कामकाज में भाग लेगी।
उसी दिन दोपहर 12:20 बजे वित्त मंत्री खन्ना वित्तीय वर्ष 2023-24 के प्रथम अनुपूरक अनुदान के लिए वित्त विधेयक पेश करने वाले हैं। विधानसभा की अतिरिक्त बैठकें 30 नवंबर और 1 दिसंबर को आयोजित करने की योजना है।
एजेंडा, जिसे अभी तक व्यापार सलाहकार समिति द्वारा अनुमोदित नहीं किया गया है, सत्र की पूर्व संध्या (27 नवंबर) को अपनाए जाने की उम्मीद है।
अनुपूरक बजट के अलावा चार अध्यादेश भी पेश किए जाएंगे
अध्यादेशों को बदलने के लिए निर्धारित विधेयकों में यूपी गुड़ नियंत्रण (दूसरा संशोधन) विधेयक 2023, यूपी माल और सेवा कर (दूसरा संशोधन) विधेयक 2023, यूपी निजी विश्वविद्यालय (छठा संशोधन) विधेयक 2023 और यूपी राज्य विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2023 शामिल हैं।
अनुपूरक अनुदान लगभग 42,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है। अयोध्या में कैबिनेट बैठक में इन अतिरिक्त धनराशि की मांग के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी गई।
सरकार विकास परियोजनाओं परियोजनाओं में तेजी ला रही है
सरकार अयोध्या में चल रही विकास परियोजनाओं और राज्य भर में बुनियादी ढांचे की पहल के लिए पूरक अनुदान का उपयोग करने की योजना बना रही है। अगले साल 22 जनवरी को अयोध्या मंदिर के निर्धारित उद्घाटन के साथ, सरकार सड़क निर्माण, बिजली और शहरी सुविधाओं जैसे क्षेत्रों में परियोजनाओं में तेजी ला रही है, जिसका लक्ष्य प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मंदिर के उद्घाटन से पहले उन्हें पूरा करना है।
अगले साल अप्रैल/मई में होने वाले लोकसभा चुनाव से अनुपूरक बजट का महत्व रेखांकित होता है। योगी आदित्यनाथ सरकार का लक्ष्य चुनाव से पहले प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को अंतिम रूप देना है।