UP NEWS: इन दिनों तिरुपति बालाजी के प्रसाद में चर्बी मिलने के मामले को लेकर बहस जारी है। इस दौरान प्रसाद की रिपोर्ट सामने आने के बाद अब देश भर के मंदिरों में प्रसाद का स्वरूप बदलने की तैयारी की जा रही है। इसकी जिम्मेदीरी काशी विद्वत परिषद को खाका तैयार के लिए दी गई है।
देशभर में बदली गई प्रसाद की व्यव्स्था
दरअसल, तिरुपति बालाजी मंदिर की घटना के बाद अब देश भर के मंदिरों में प्रसाद की व्यवस्था में बड़े बदलाव करने की तैयारी की जा रही है। इस दौरान श्री काशी विद्वत परिषद सनातनी हिंदुओं की आस्था के अनुसार ही प्रसाद चढ़ाने और ग्रहण करने की व्यवस्था करने की तैयारी में है।
इसके साथ ही अखाड़ा परिषद, अखिल भारतीय संत समिति और सरकार के सहयोग से प्रसाद की नई व्यवस्था लागू की जाएगी। मंदिरों में पंचमेवा, फल, बताशा और रामदाना के प्रसाद चढ़ाने की व्यवस्था जारी की जाएगी।
साधक आहार किया जाएगा भगवान को समर्पित
बता दें कि मंदिरों में यह नियम कर दिया गया कि सात्विक पुरुष, संत और साधक जो आहार ग्रहण करते हैं, उसी तरह का पवित्र प्रसाद अपने परमात्मा को भी अर्पित किया जाता है। इस दौरान शुचिता और पवित्रता का ध्यान रखा जाता है। और प्रसाद चढ़ाने के बाद इसे परमात्मा का आशीर्वाद मानकर इसे ग्रहण किया जाता है।
हर सनातनी के घर में यह परंपरा प्राचीन काल से ही चली आ रही है कि अपने भोजन के पहले परमात्मा को प्रसाद ग्रहण कराने की परंपरा रही है। इसके अलावा एक रोटी गोमाता को और अंतिम रोटी कुत्ते को निकलती थी। वहीं बड़े देवालयों में भी यह परंपरा बड़े स्तर पर निभाई जाती है और प्रसाद भक्तों में वितरित किया जाता है।