उत्तराखंड विधानसभा का बजट सत्र (Uttarakhand Budget Session 2025) विधिवत रूप से शुरू हो गया है। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह के अभिभाषण के साथ सत्र की शुरुआत हुई। अपने अभिभाषण में राज्यपाल ने उत्तराखंड को समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने वाला देश का पहला राज्य बताया और इसे महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। वहीं, विपक्ष ने सत्र की अवधि न बढ़ाने को लेकर हंगामा किया और नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने विरोध जताया।
सीएम धामी ने किया ई-विधान एप्लीकेशन का लोकार्पण
उत्तराखंड विधानसभा को डिजिटल और पेपरलेस बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण की उपस्थिति में ई-विधान एप्लीकेशन (NeVA) का लोकार्पण किया।
डिजिटल ट्रांजिशन: इस बार का बजट सत्र पूरी तरह से नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन के तहत संचालित किया जा रहा है, जिससे विधायकों को कार्यसूची, विधानसभा में पूछे गए प्रश्नों के जवाब और अन्य दस्तावेज अब ऑनलाइन उपलब्ध होंगे।
पेपरलेस वर्क: ई-विधान प्रणाली अपनाने से विधानसभा के कार्यों को पेपरलेस और अधिक दक्षता से संचालित किया जाएगा।
तकनीकी सुधार: विधायकों की टेबल पर टैबलेट लगाए गए हैं, जिससे वे डिजिटल रूप से दस्तावेजों तक पहुंच सकेंगे और सत्र को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा।
सीएम धामी ने कहा कि यह डिजिटल पहल न केवल पर्यावरण संरक्षण में मददगार साबित होगी, बल्कि उत्तराखंड विधानसभा को आधुनिक और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
विधानसभा के बाहर प्रदर्शन, पूर्व विधायक हिरासत में
जहां एक ओर विधानसभा में बजट सत्र जारी था, वहीं दूसरी ओर भू-कानून लागू करने की मांग को लेकर विधानसभा के बाहर विरोध प्रदर्शन हो रहा था। इस प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे पूर्व विधायक भीम लाल आर्य और उनके समर्थकों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
उत्तराखंड विधानसभा का यह बजट सत्र तकनीकी नवाचार और राजनीतिक गहमागहमी का केंद्र बना हुआ है। अब देखना यह होगा कि आगामी दिनों में सरकार और विपक्ष के बीच किन मुद्दों पर बहस होती है और प्रदेश के लिए यह बजट सत्र कितना प्रभावी साबित होता है।