उत्तराखंड में भूस्खलन के चलते कैलास यात्रा पर निकले 46 यात्रियों को हेलिकॉप्टर से सुरक्षित रेस्क्यू किया गया। ये यात्री अलग-अलग स्थानों पर फंसे हुए थे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर इस रेस्क्यू अभियान को चलाया गया, जिसमें दिल्ली, पंजाब और तमिलनाडु के यात्री शामिल थे। रेस्क्यू ऑपरेशन रविवार को सफलतापूर्वक संपन्न हुआ, और बाकी यात्रियों को सोमवार को नारायण आश्रम से हेली सेवा द्वारा निकाला जाएगा।
मुख्यमंत्री धामी ने इस सफल अभियान के लिए पिथौरागढ़ के डीएम, एसएसपी, एनडीआरएफ, एसएसबी, और सिविल एविएशन टीम की सराहना की। उन्होंने इस अभियान की व्यक्तिगत रूप से निगरानी की और यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी। सीएम ने कहा कि राज्य सरकार देश-विदेश के यात्रियों को सुरक्षित यात्रा के अनुभव प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि आदि कैलास मार्ग के कई स्थानों पर भूस्खलन के कारण यात्री फंसे हुए थे। सूचना मिलते ही हेलिकॉप्टर से उन्हें सुरक्षित निकालने का निर्णय लिया गया। यात्रियों के फंसने की घटना 13 सितंबर को भारी बारिश के दौरान हुई थी। इस दौरान एक यात्री, स्वदेश नंदचहल, की स्वास्थ्य खराब होने से मृत्यु हो गई थी।
सीएम धामी के निर्देश पर अवरुद्ध मार्गों की बहाली
सीएम धामी ने राज्य के विभिन्न स्थानों पर अवरुद्ध मार्गों को तेजी से खोलने के निर्देश दिए हैं। पिछले 24 घंटों में 60 से अधिक अवरुद्ध मार्गों को खोल दिया गया है। आपदा प्रबंधन विभाग की अध्यक्षता में सोमवार को एक बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें सभी जिलों के प्रभारी अधिकारियों, लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता और जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शामिल होंगे, ताकि बंद मार्गों को जल्द से जल्द खोला जा सके। इस अभियान के सफल समापन से यात्रियों और उनके परिवारों ने राहत की सांस ली है, और राज्य सरकार की तत्परता की सराहना की जा रही है।