प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 के तहत देशभर में तीन करोड़ मकानों की स्वीकृति दी गई है, जिनमें से एक करोड़ आवास शहरी क्षेत्रों के लिए निर्धारित किए गए हैं।
आवास विभाग जल्द ही उत्तराखंड के गरीबों की आवास संबंधी आवश्यकताओं का सर्वेक्षण करेगा, ताकि इस जानकारी के आधार पर केंद्र सरकार को मांग भेजी जा सके। आवास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने सोमवार को प्रधानमंत्री आवास (शहरी) की समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए।
मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) मार्च 2022 से कार्यान्वित हुई है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत बीएलसी (बिल्डर लीडरशिप क्लास) के माध्यम से 36 परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है।
जहाँ लगभग 25,972 स्वीकृत आवासों में से करीब 12,144 पूर्ण हो चुके हैं। इस समय लगभग 11,962 आवास निर्माणाधीन हैं।आवास मंत्री ने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत ईएचपी के माध्यम से 20 परियोजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं।
इनमें लगभग 15,960 आवासों को स्वीकृति मिली है; जिनमें से करीब 14,248 आवास वर्तमान में निर्माणाधीन हैं, जबकि लगभग 1,696 आवास पूर्ण हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि इस वर्ष दिसंबर के अंत तक शेष आवासों को पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं।
मंत्री ने आगे कहा कि हमारा लक्ष्य हर गरीब को एक सुरक्षित आवास उपलब्ध कराना है। प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 के तहत देशभर में कुल तीन करोड़ आवासों की स्वीकृति दी गई है, जिसमें से एक करोड़ आवास शहरी क्षेत्रों के लिए निर्धारित हैं।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना 2.0 का कार्य 2024 से 2029 के बीच किया जाएगा, और विभाग द्वारा एमओयू के तहत कार्ययोजना तैयार की गई है। उन्होंने बताया कि जल्द ही एक सर्वेक्षण प्रारंभ किया जाएगा।
इस अवसर पर सचिव शहरी विकास, नितेश कुमार झा, निदेशक नितिन भदौरिया, संयुक्त मुख्य प्रशासक उत्तराखंड आवास विकास परिषद, पीसी दुम्का और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
This post is written by Abhijeet kumar yadav