भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) उत्तराखंड के सीमावर्ती गांवों के निवासियों को स्वास्थ्य और चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करेगी। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी और आईटीबीपी महानिरीक्षक संजय गुंज्याल के बीच हुए समझौते से इस पहल को बल मिला।
शुक्रवार को महानिरीक्षक गुंज्याल ने राज्य सचिवालय में मुख्य सचिव से मुलाकात की और सीमा चौकी से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने सीमांत जिलों पिथौरागढ, उत्तरकाशी और चमोली के जिलाधिकारियों से तत्काल अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी करने का अनुरोध करते हुए कहा कि भूमि हस्तांतरण के मामलों को तेजी से निपटाने के लिए ये प्रमाण पत्र आवश्यक हैं।
स्वास्थ्य देखभाल सहयोग
मुख्य सचिव रतूड़ी ने पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया और सुझाव दिया कि आईटीबीपी के डॉक्टर सीमांत गांव के निवासियों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करें। गुंज्याल ने स्थानीय आबादी को स्वास्थ्य और चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्धता जताते हुए सहमति व्यक्त की।
मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य पर ध्यान दें
बैठक में विशेषकर गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं के लिए चिकित्सा सेवाओं की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया। चर्चा में दूरदराज के क्षेत्रों को स्वास्थ्य देखभाल से जोड़ने के लिए टेलीमेडिसिन का उपयोग करना भी शामिल था। गुंज्याल ने बताया कि आईटीबीपी स्थानीय किसानों से आपूर्ति हासिल करने पर भी काम कर रही है।
इस पहल का उद्देश्य सीमावर्ती गांव के निवासियों की आवश्यक चिकित्सा सेवाओं और सहायता तक पहुंच सुनिश्चित करके उनकी भलाई को बढ़ाना है।