उत्तराखंड सरकार ने नई सड़क सुरक्षा नीति 2025 को मंजूरी दे दी है, जिससे राज्य में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएंगे। इस नीति के तहत राज्य के पर्वतीय मार्गों पर सड़क किनारे पौधरोपण किया जाएगा और स्कूलों में पहली कक्षा से ही सड़क सुरक्षा की पढ़ाई अनिवार्य होगी। इसके अलावा, 19 विभागों की जिम्मेदारियां तय की गई हैं ताकि सड़क सुरक्षा नियमों को प्रभावी रूप से लागू किया जा सके।
नई नीति के मुख्य बिंदु
इस नीति में कई अहम प्रावधान किए गए हैं, जिनका उद्देश्य सड़क सुरक्षा को मजबूत बनाना और दुर्घटनाओं की संख्या को कम करना है। नीति के अनुसार-
✅ स्कूलों में पहली कक्षा से सड़क सुरक्षा की पढ़ाई अनिवार्य होगी ताकि बच्चों को शुरू से ही यातायात नियमों की जानकारी दी जा सके।
✅ पर्वतीय मार्गों पर सड़क किनारे पौधरोपण और क्रैश बैरियर लगाए जाएंगे, जिससे वाहनों की सुरक्षा बढ़ेगी और लैंडस्लाइड जैसी घटनाओं को रोका जा सकेगा।
✅ सभी प्रमुख सड़कों पर ट्रैफिक पेट्रोलिंग और AI-आधारित निगरानी की व्यवस्था की जाएगी ताकि यातायात नियमों के उल्लंघन को कम किया जा सके।
✅ भारी वाहन चालकों के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे, जिससे उनके वाहन संचालन कौशल में सुधार होगा।
✅ दुर्घटनाग्रस्त लोगों के लिए 2 लाख रुपये तक की राहत राशि देने का प्रावधान किया गया है, जिससे पीड़ितों को त्वरित सहायता मिल सके।
किन विभागों को क्या जिम्मेदारी दी गई?
सरकार ने सड़क सुरक्षा नीति को लागू करने के लिए 19 विभागों को अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी हैं, जिससे नीति को प्रभावी रूप से लागू किया जा सके।
1. शिक्षा, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और चिकित्सा शिक्षा विभाग
इस विभाग को सड़क सुरक्षा को शिक्षा प्रणाली में शामिल करने की जिम्मेदारी दी गई है। इसके तहत-
स्कूलों और कॉलेजों में सड़क सुरक्षा को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा।
टीचर्स, अभिभावकों और स्कूल बस चालकों को जागरूक किया जाएगा ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
NCC, NSS और स्काउट गाइड के छात्रों को सड़क सुरक्षा का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे जागरूकता अभियानों का हिस्सा बन सकें।
2. लोक निर्माण विभाग (PWD), NHAI, BRO और सिंचाई विभाग
सभी ग्रामीण और शहरी सड़कों को सुरक्षित बनाने के लिए नए दिशानिर्देश तैयार किए जाएंगे।
ब्लैक स्पॉट और दुर्घटना संभावित क्षेत्रों की त्वरित मरम्मत की जाएगी।
सड़क किनारे अतिक्रमण हटाने और फुटपाथ को सुचारू बनाने के लिए नियम लागू किए जाएंगे।
3. स्वास्थ्य विभाग
चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों को सड़क दुर्घटनाओं के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।
गोल्डन ऑवर के महत्व को समझाने के लिए एयर एंबुलेंस सेवा को मजबूत किया जाएगा।
हाईवे के पास ट्रॉमा सेंटर और अस्पतालों को बेहतर बनाया जाएगा।
दुर्घटनाग्रस्त लोगों को मुफ्त कैशलेस इलाज की सुविधा दी जाएगी।
4. परिवहन विभाग
ड्राइविंग लाइसेंसिंग सिस्टम को AI आधारित बनाया जाएगा ताकि सुरक्षित ड्राइविंग को बढ़ावा मिले।
भारी वाहन चालकों के लिए विशेष प्रशिक्षण और हल्के वाहन चालकों के लिए रिफ्रेशर कोर्स शुरू किए जाएंगे।
वाहनों की फिटनेस की सख्त जांच होगी और इलेक्ट्रॉनिक निगरानी सिस्टम का उपयोग किया जाएगा।
5. पुलिस विभाग
फेसलेस चालान और CCTV आधारित निगरानी प्रणाली लागू की जाएगी।
एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस तैयार किया जाएगा ताकि दुर्घटनाओं के कारणों का विश्लेषण किया जा सके।
सड़क सुरक्षा से जुड़े सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे।
6. वन विभाग
वन्य जीवों और सड़क यातायात के टकराव को रोकने के लिए विशेष कदम उठाए जाएंगे।
पर्वतीय मार्गों पर पौधरोपण और ग्रीन बैरियर बनाए जाएंगे ताकि दुर्घटनाओं की संभावना कम हो सके।
वन्यजीव बाहुल्य क्षेत्रों में वाहनों की गति पर नियंत्रण के लिए सख्त नियम लागू किए जाएंगे।
सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं में घायल होने वाले लोगों को दी जाने वाली राहत राशि में बड़ा बदलाव किया है। अब-मृत्यु होने पर – ₹2,00,000, दोनों अंगों या दोनों नेत्रों की दृष्टि खोने पर – ₹1,00,000
एक पैर, एक नेत्र या एक हाथ की हानि पर – ₹40,000, 20 दिन से अधिक अस्पताल में भर्ती होने पर – ₹40,000, सामान्य रूप से घायल होने पर – ₹10,000 मिलेंगे।