गोरखपुर एम्स के नए प्रभारी कार्यकारी निदेशक (ईडी) प्रो. अजय कुमार सिंह ने रविवार शाम एक मरीज का परिचारक बनकर एम्स की इमरजेंसी वार्ड पहुंचे और गेट पर खड़े गार्डों से लेकर अंदर डॉक्टरों व अन्य कर्मचारियों के कार्य व्यवहार को देखा।
अंदर कुछ मरीजों के अलावा उनके परिजनों से भी इलाज के बारे में जानकारी ली। इससे पहले ईडी ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की और एम्स की वर्तमान हालत पर चर्चा की। देर शाम पूर्व ईडी प्रो.जीके पाल के साथ प्रशासनिक भवन में मीटिंग कर स्तिथि को समझा।
अब सोमवार को वे विभागाध्यक्षों के साथ मीटिंग के बाद परिसर का निरीक्षण करेंगे। इसके बाद शाम को एम्स में बदलाव को लेकर अपनी कार्ययोजना साझा करेंगे। अजय कुमार सिंह को दो दिन पहले ही एम्स गोरखपुर का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था। उन्होंने शनिवार को वर्चुअल माध्यम से कार्यभार ग्रहण करने के बाद विभागाध्यक्षो के साथ मीटिंग भी की थी.
गोरखपुर एम्स के नए प्रभारी कार्यकारी निदेशक (ईडी) प्रो. अजय कुमार सिंह ने रविवार शाम एक मरीज का तीमारदार बनकर एम्स की इमरजेंसी वार्ड पहुंचे और गेट पर खड़े गार्डों से लेकर अंदर डॉक्टरों व अन्य कर्मचारियों के कार्य व्यवहार को देखा।
अंदर कुछ मरीजों और बाहर उनके परिजनों से भी इलाज के बारे में जानकारी ली।
इससे पहले ईडी ने गोरखनाथ मंदिर जाकर मुख्यमंत्री से मुलाकात की और एम्स की वर्तमान हालत पर विस्तार से चर्चा की। देर शाम पूर्व ईडी प्रो. जीके पाल के साथ प्रशासनिक भवन में मीटिंग कर वस्तुस्थिति को समझा।
अब सोमवार को वे विभागाध्यक्षों के साथ मीटिंग के बाद परिसर का निरीक्षण करेंगे। इसके बाद शाम को एम्स में बदलाव की अपनी कार्ययोजना साझा करेंगे। एम्स भोपाल के कार्यकारी निदेशक प्रो. अजय कुमार सिंह को दो दिन पहले ही एम्स गोरखपुर का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था। उन्होंने शनिवार को वर्चुअल माध्यम से कार्यभार ग्रहण करने के बाद विभागाध्यक्षाे के साथ मीटिंग की थी।
रविवार दोपहर बाद ईडी गोरखपुर पहुंचे और सीधे वहां से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने गोरखनाथ मंदिर पहुंचे । वहां मुख्यमंत्री के साथ करीब एक घंटे तक एम्स की वर्तमान स्तिथि पर बात की। मुख्यमंत्री ने एम्स में हो रही घटनाओं पर चिंता जताते हुए कहा कि यह संस्थान इलाज से अधिक दूसरे कामो के लिए बदनाम होता जा रहा है।
वहां से लौटने पर ईडी गाड़ी से उतरे और पैदल ही एम्स की इमरजेंसी वार्ड में पहुंच गए। वे बाहर खड़े परिचारकों से मिले और इलाज के विषय में जानकारी ली। इसके बाद खुद परिचारक बनकर अंदर पहुंच गए, और इलाज की व्यवस्था को देखा।
इस दौरान उन्हें कई कमियां दिखीं, जिसे उन्होंने नोट भी किया। कार्यकारी निदेशक ने बताया कि सोमवार को इन मुद्दों पर डॉक्टरों व अन्य विभागाध्यक्षों से चर्चा करेंगे। इसके बाद व्यवस्था में बदलाव की अपनी रणनीति को भी लागू कराएंगे।
अंदर कुछ मरीजों और बाहर उनके परिजनों से भी इलाज के बारे में जानकारी ली। इससे पहले ईडी ने गोरखनाथ मंदिर जाकर मुख्यमंत्री से मुलाकात की और एम्स की वर्तमान हालत पर विस्तार से चर्चा की। देर शाम पूर्व ईडी प्रो. जीके पाल के साथ प्रशासनिक भवन में मीटिंग कर वस्तुस्थिति को समझा।
अब सोमवार को वे विभागाध्यक्षों के साथ मीटिंग के बाद परिसर का निरीक्षण करेंगे। इसके बाद शाम को एम्स में बदलाव की अपनी कार्ययोजना साझा करेंगे। एम्स भोपाल के कार्यकारी निदेशक प्रो. अजय कुमार सिंह को दो दिन पहले ही एम्स गोरखपुर का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था। उन्होंने शनिवार को वर्चुअल माध्यम से कार्यभार ग्रहण करने के बाद विभागाध्यक्षाें के साथ मीटिंग की थी।
रविवार दोपहर बाद ईडी गोरखपुर पहुंचे और सीधे वहां से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने गोरखनाथ मंदिर चले गए। वहां मुख्यमंत्री के साथ करीब एक घंटे तक एम्स की वर्तमान हालत पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने एम्स में हो रही घटनाओं पर चिंता जताते हुए कहा कि यह संस्थान इलाज से अधिक दूसरे कार्यों के लिए बदनाम होता जा रहा है।
वहां से लौटने पर ईडी गाड़ी से उतरे और पैदल ही एम्स की इमरजेंसी वार्ड में पहुंच गए। वे बाहर खड़े तीमारदारों से मिले और इलाज के विषय में जानकारी ली। इसके बाद खुद तीमारदार बनकर अंदर पहुंच गए और इलाज की व्यवस्था को देखा। इस दौरान उन्हें कई कमियां दिखीं, जिसे नोट भी किया। कार्यकारी निदेशक ने बताया कि सोमवार को इन मुद्दों पर डॉक्टरों व अन्य विभागाध्यक्षों से चर्चा करेंगे। इसके बाद व्यवस्था में बदलाव की अपनी रणनीति को भी लागू कराएंगे।
सीएम ने इंसेफेलाइटिस समेत पूर्वांचल की समस्याएं बताईं।
नए ईडी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सात साल पहले पूर्वांचल में फैली इंसेफेलाइटिस की भयावहता के बारे में बताते हुए उसकी रोकथाम के लिए गए प्रदेश सरकार के कार्यों पर चर्चा की। साथ ही एम्स से इस मामले में नए शोध और इलाज कार्य शुरू करने की अपेक्षा जाहिर की।
कार्यकारी निदेशक ने बताया कि मुख्यमंत्री ने एम्स में व्यवस्था सुधार के लिए जो सुझाव दिए, उन्हें शीघ्र ही लागू कराया जाएगा। ईडी ने एम्स में लागू किए जाने वाले उपायों की भी जानकारी दी, और उनसे समय-समय पर मार्गदर्शन लेते रहने की बात कही।
जांच भी पूरी, जल्द आ सकती है रिपोर्ट
एम्स के कार्यकारी निदेशक रहे प्रो. जीके पाल के प्रकरण में स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से गठित कमेटी की जांच लगभग पूरी हो चुकी है। कमेटी इस सप्ताह अपनी रिपोर्ट केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को सौंपेगी। इस रिपोर्ट के आधार पर ही कार्रवाई होनी है
माना जा रहा है कि जांच समिति ने एम्स में गड़बड़ी के प्रकरण अपनी रिपोर्ट में शामिल किया है। इसके बाद एम्स के कुछ और जिम्मेदारों पर भी कार्रवाई हो सकती है.
इस मामले में शिकायतकर्ता डॉ. गौरव गुप्ता ने बताया कि हमने जांच कमेटी को प्रकरण से जुड़े सभी तथ्यों व अभिलेखों की जानकारी उपलब्ध करा दी है। वहीं पूर्व कार्यकारी निदेशक प्रो. जीके पाल का कहना है कि जांच रिपोर्ट आने पर सब कुछ सामने आ जाएगा।
प्रभारी कार्यकारी निदेशक प्रो अजय कुमार सिंह ने बताया कि गोरखपुर पहुंचकर मुख्यमंत्री से मिला और एम्स के बारे में उनकी अपेक्षाओं की जानकारी ली। इसके बाद एम्स परिसर में अकेले ही घूमा। इमरजेंसी वार्ड पहुंचकर इलाज की व्यवस्था देखी । कई खामियां निकली हैं। व्यवस्था में बदलाव के लिए हमने जो रणनीति बनाई है, उस पर सोमवार को डॉक्टरों से चर्चा करेंगे । इसके बाद इसे लागू कराया जाएगा।
This post is written by Abhijeet kumar yadav