मुख्य सचिव आनंदबर्द्धन की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय उद्योग मित्र समिति की प्राधिकृत समिति की बैठक संपन्न हुई, जिसमें प्रदेश में उद्योगों को बेहतर माहौल उपलब्ध कराने, उनके मुद्दों का त्वरित समाधान करने और ईएसआईसी अस्पताल खोलने के मानकों में ढील देने जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई। बैठक में मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि उद्योगों से संबंधित प्रकरणों का समय पर निपटारा सुनिश्चित किया जाए और उद्यमियों को समुचित सुविधाएं प्रदान करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएं।
मुख्य सचिव ने उद्योगों से जुड़े मामलों पर विचार-विमर्श करते हुए कहा कि राज्य सरकार उद्योगों के विकास और संचालन के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने अधिकारियों को हिदायत दी कि राज्य और जिला स्तरीय उद्योग मित्र समितियों की नियमित बैठकों के माध्यम से उद्यमियों की समस्याओं का समाधान किया जाए और तात्कालिक मामलों में बैठकों की प्रतीक्षा किए बिना तुरंत कार्रवाई की जाए। विशेष रूप से जीएसटी के नए प्रावधानों और अन्य वित्तीय व्यवस्थाओं से जुड़े मुद्दों पर सचिव वित्त के नेतृत्व में बैठक कर समस्याओं का समाधान सुनिश्चित किया जाएगा।
बैठक में ईएसआईसी अस्पताल खोलने के मानकों में ढील देने का प्रस्ताव तैयार किया गया, जिसे क्षेत्रीय परिषद को भेजा जाएगा। मुख्य सचिव ने देहरादून में ईएसआईसी अस्पताल के लिए आवश्यक भूमि की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। इसके साथ ही उन्होंने उद्योगों के लिए बिजली की पर्याप्त और निर्बाध आपूर्ति, लॉजिस्टिक सुविधाओं की उपलब्धता और औद्योगिक स्थलों में आवश्यक आधारभूत सुविधाओं के प्रावधान पर विशेष जोर दिया।
मुख्य सचिव ने उद्योगों के प्रतिनिधियों की ओर से उठाए गए विभिन्न मुद्दों को विस्तार से सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को त्वरित समाधान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बैठक में सचिव वित्त दिलीप जावलकर, सचिव गृह शैलेश बगोली, सचिव उद्योग विनय शंकर पांडेय, अपर सचिव विनीत कुमार सहित अन्य अधिकारी और उद्योग प्रतिनिधि मौजूद थे। इस बैठक के परिणामस्वरूप प्रदेश में उद्योगों के लिए और अधिक अनुकूल वातावरण तैयार होगा, जिससे निवेश को बढ़ावा मिलेगा और आर्थिक विकास की गति और तेज होगी।