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Haridwar : सीएम धामी का सख्त रुख,तीन अफसरों पर विभागीय जांच

Haridwar : उत्तराखंड सरकार ने हरिद्वार भूमि घोटाले में तीन वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भ्रष्टाचार के प्रति अपनी जीरो टॉलरेंस नीति को दोहराया। जांच की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए आईएएस अधिकारियों को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

By: hindidesk  RNI News Network
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Haridwar : सीएम धामी का सख्त रुख,तीन अफसरों पर विभागीय जांच

हरिद्वार नगर निगम द्वारा ग्राम सराय स्थित भूमि की खरीद में अनियमितताओं के मामले में सरकार ने कार्रवाई तेज़ कर दी है। इस चर्चित भूमि घोटाले में तीन वरिष्ठ अधिकारियों तत्कालीन जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह, नगर आयुक्त वरुण चौधरी और एसडीएम अजयवीर सिंह के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। गृह विभाग ने जांच से संबंधित औपचारिक आदेश जारी करते हुए जांच अधिकारियों की नियुक्ति भी कर दी है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के प्रति ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर पूरी दृढ़ता से कार्य कर रही है। उन्होंने दोहराया कि शासन व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार पाए जाने पर कठोरतम कार्रवाई की जाएगी, चाहे वह कितना भी बड़ा अधिकारी क्यों न हो।

शासन के आदेश के अनुसार, प्रथम दृष्टया संलिप्तता पाए जाने के बाद निलंबित एसडीएम अजयवीर सिंह के विरुद्ध उत्तराखंड सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 2003 के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की गई है। उन्हें पहले ही आरोपपत्र जारी किया जा चुका था और उन्होंने 16 सितंबर को दिए अपने जवाब में सभी आरोपों को अस्वीकार कर दिया था। अब शासन ने अपर सचिव डॉ. आनंद श्रीवास्तव (IAS) को जांच अधिकारी नियुक्त किया है, जिन्हें एक माह के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।

वहीं, तत्कालीन जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह और नगर आयुक्त वरुण चौधरी के विरुद्ध भी विभागीय जांच आगे बढ़ाई गई है। इस जांच की जिम्मेदारी सचिव सचिन कुर्वे (IAS) को सौंपी गई है।

गौरतलब है कि हरिद्वार नगर निगम ने ग्राम सराय क्षेत्र में अनुपयुक्त 2.3070 हेक्टेयर भूमि को ₹54 करोड़ में खरीदा था। यह भूमि कूड़े के ढेर के पास स्थित थी और जांच में पाया गया कि भूमि की वास्तविक कीमत और खरीद प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएं थीं।

इस घोटाले में सरकार पहले ही दो IAS, एक PCS और कुल 12 अधिकारी-कर्मचारियों को निलंबित कर चुकी है। मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट कहा कि राज्य सरकार किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।

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