उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में सचिवालय में एक अहम कदम उठाया गया, जिसका उद्देश्य राज्य के चिकित्सा संस्थानों में तीमारदारों के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराना है। इस अवसर पर राजकीय दून मेडिकल कॉलेज देहरादून, राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी और सेवादान आरोग्य संस्था के बीच एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (एम.ओ.यू.) पर हस्ताक्षर किए गए।
इस एमओयू का मुख्य उद्देश्य देहरादून और हल्द्वानी स्थित मेडिकल कॉलेजों में भर्ती मरीजों के साथ आने वाले परिजनों के ठहरने के लिए आधुनिक और सुविधाजनक विश्राम गृहों का निर्माण करना है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सरकार का निरंतर प्रयास है कि स्वास्थ्य सेवाएं न केवल मरीजों बल्कि उनके साथ आने वाले परिजनों के लिए भी सहज और सुलभ हों। उन्होंने इस दिशा में किए जा रहे इस महत्वपूर्ण समझौते को सराहनीय कदम बताया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अक्सर देखा गया है कि दूर-दराज़ से आए तीमारदारों को रात्रि विश्राम और ठहरने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में मेडिकल कॉलेज परिसरों में विश्राम गृह बन जाने से उन्हें राहत मिलेगी और वे अपने मरीजों की देखरेख ठीक ढंग से कर पाएंगे।
एमओयू के अनुसार, सेवादान आरोग्य फाउंडेशन दोनों मेडिकल कॉलेजों में लगभग 350 बिस्तरों की क्षमता वाले विश्राम गृहों का निर्माण करेगा। इन विश्राम गृहों में ठहरने, शौचालय, जल आपूर्ति, साफ-सफाई और भोजन जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी, ताकि तीमारदारों को निजी होटलों पर निर्भर न रहना पड़े।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर यह भी प्रस्ताव दिया कि सेवादान आरोग्य संस्था इसी प्रकार की व्यवस्था किच्छा स्थित एम्स सैटेलाइट सेंटर में भी उपलब्ध कराए, जिससे वहां भी तीमारदारों को लाभ मिल सके। इस प्रस्ताव पर संस्था की ओर से सहमति भी जताई गई।
राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र में किए जा रहे सुधारात्मक प्रयासों की यह एक बड़ी पहल मानी जा रही है, जिससे सरकारी अस्पतालों की छवि और सेवाओं में भी सुधार होगा। विशेषकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए यह विश्राम गृह एक बड़ी सुविधा साबित होंगे।
इस मौके पर संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, मेडिकल कॉलेजों के प्रतिनिधि और सेवादान आरोग्य संस्था के पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।
यह एमओयू उत्तराखंड की स्वास्थ्य सेवाओं में जन-कल्याण की दिशा में एक सकारात्मक बदलाव लाने वाला कदम साबित होगा।