उत्तराखंड इस वर्ष विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं से बुरी तरह प्रभावित रहा, जिसके कारण पूरे प्रदेश में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया था, जिसके चलते कई राजनीतिक और सामाजिक कार्यक्रमों को भी स्थगित करना पड़ा। अब जब आपदाओं का दौर थम गया है, प्रदेश सरकार ने पुनः जनजीवन को सामान्य पटरी पर लाने के प्रयास तेज कर दिए हैं। इसी क्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़े स्तर पर “जनता के द्वार” कार्यक्रम को फिर से शुरू करने की घोषणा की है।
इस अभियान का उद्देश्य गांव-गांव और घर-घर जाकर लोगों से संवाद स्थापित करना, उनकी समस्याएं सुनना और उनका समाधान करना है। मुख्यमंत्री धामी का यह कार्यक्रम सरकार और जनता के बीच सीधा संवाद स्थापित करने की दिशा में एक सशक्त पहल मानी जा रही है।
प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता सुरेश जोशी ने मुख्यमंत्री के इस निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि भाजपा संगठन समय-समय पर “आत्मनिर्भर भारत”, “स्वदेशी अपनाओ” और “GST महोत्सव” जैसे अनेक कार्यक्रमों के माध्यम से जनता से जुड़ने का प्रयास करती रही है। उन्होंने कहा कि “जनता के द्वार” अभियान निश्चित रूप से प्रदेश की जनता को राहत और भरोसे की नई उम्मीद देगा तथा शासन और जनता के बीच की दूरी को कम करेगा।